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शासकीय दूधाधारी बजरंग महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रायपुर छत्तीसगढ़ (स्वायत्तशासी संस्था)

Govt. Dudhadhari Bajrang Girls Postgraduate College,Raipur, Chhattisgarh (An Autonomous Institution)
Est. 1958 ,NAAC Accredited & Awarded status of a " College with Potential for Excellence " by the U.G.C

ADMISSION RULE

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प्रवेश नियम

शासकीय दूधाधारी बजरंग महिला स्नातकोत्तर (स्वशासी) महाविद्यालय, रायपुर उच्च शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित संस्था है प्रत्येक संकाय / कक्षा में प्रवेश हेतु अलग- अलग प्रवेश आवेदन पत्र जमा किया जाना अनिवार्य होगा। एक संकाय / कक्षा में प्रवेश हेतु प्रस्तुत आवेदन पत्र, दूसरे संकाय / कक्षा में प्रवेश हेतु मान्य नहीं होगा | इन सभी आवेदन पत्रों में आवश्यक प्रमाण-पत्रों की स्वसत्यापित सत्य-प्रतिलिपि आवश्यक रुप से संलग्न करना होगा।

आवेदन पत्र में सलंग प्रपत्रों की सूचि (चेक लिस्ट )
1. नवीनतम पासपोर्ट साईज 03 फोटो
2. विद्यालय/महाविद्यालय छोड़ने का स्थानांतरण प्रमाण- पत्र
3. अंकसूची (हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी) स्नातकोत्तर कक्षा समस्त अंकसूची
4. निवास प्रमाण- पत्र
5. दो चरित्र प्रमाण-पत्र (यदि पिछली परीक्षा स्वाध्यायी छात्रा के रुप में उत्तीर्ण की है)
6. नियोक्ता की स्वीकृति (यदि कोई छात्रा सेवारत हों)
7. अनुसूचित जाति/ जनजाति/ विमुक्त जाति/ विकलांग/ पिछड़ा वर्ग/ अल्पसंख्यक/ बी.पी.एल. (गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले) का प्रमाण- पत्र
8. प्रवजन प्रमाण-पत्र (यदि अन्य बोर्ड/विश्वविद्यालय से परीक्षा उत्तीर्ण की हो)
9. पात्रता प्रमाण- पत्र
10. अंतराल प्रमाण- पत्र


1.प्रवेश की पात्रता :

1.1. निवासी एवंअर्हकारी परीक्षा:-

() छत्तीसगढ़ के मूल/ स्थायी, छत्तीसगढ़ में स्थायी संपत्तिधारी निवासी/ राज्य या केंद्र सरकार के शासकीय कर्मचारी, अर्धशासकीय कर्मचारी तथा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के कर्मचारी, राष्ट्रीयकृत बैंकों तथा भारत सरकार द्वारा संचालित व्यावसायिक संगठनों के कर्मचारी जिनका पदांकन छत्तीसगढ़ में है, उनके पुत्र/पुत्रियों एवं जम्मू कश्मीर के विस्थापितों तथा उनके आश्रितों को ही  शासकीय महाविद्यालयो में प्रवेश दिया जायेगा। उपरोक्तानुसार प्रवेश देने के पश्चात भी स्थान रिक्त होने परअन्य राज्यों के मान्यता प्राप्त बोर्ड एवं अर्हकारी परीक्षा उत्तीर्ण आवेदकों को नियमानुसार गुणानुक्रम के आधार पर प्रवेश दिया जा सकता हैं।

() सम्बद्ध विश्वविद्यालय से या सम्बद्ध विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/ बोर्ड से अर्हकारी परीक्षा उत्तीर्ण आवेदकों को ही महाविद्यालय में प्रवेश की पात्रता होगी।

() आवश्यकतानुसार संबधित विश्वविद्यालय से पात्रता प्रमाण पत्र प्राप्त करने के पश्चात ही आवेदक को प्रवेश प्रदान किया जाए।

1.2.स्नातक स्तर नियमित प्रवेश:-

() 10+2 परीक्षा उत्तीर्ण आवेदकों को स्नातक प्रथम वर्ष में नियमित प्रवेश की पात्रता होगी। किंतु वाणिज्य और कला संकाय के आवेदकों को विज्ञान संकाय में प्रवेश नहीं दिया जायेगा। बी.एस.सी (गृह विज्ञान) प्रथम वर्ष में किसी भी संकाय से उत्तीर्ण छात्रा को प्रवेश की पात्रता होगी। व्यवसायिक पाठ्यक्रम से 12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों को केवल कला संकाय में प्रवेश की पात्रता होगी। परंतु यदि अभ्यर्थी ने वाणिज्य संकाय के विषयों से अध्ययन किया हो तो उसे वाणिज्य संकाय में प्रवेश की पात्रता होगी। इसी प्रकार 10+2परीक्षा कृषि संकाय से उत्तीर्ण आवेदकों को विज्ञान संकाय अथवा बी.एस.सी (बायो /गणित समूह) प्रथम वर्ष में प्रवेश नहीं दिया जायेगा।

() स्नातक स्तर पर प्रथम/ द्वितीय वर्ष की परीक्षा उत्तीर्ण आवेदकों को उन्हीं विषयों की क्रमश:द्वितीय/ तृतीय वर्ष में नियमित प्रवेश की पात्रता होगी। स्नातक द्वितीय स्तर पर विषय परिवर्तन की पात्रता नहीं होगी।

1.3.स्नातकोत्तर स्तर नियमित प्रवेश:-

() बी.कॉम/ बी.एस.सी(गृह विज्ञान)/ बी..स्नातक परीक्षा उत्तीर्णआवेदकों को क्रमश: एम.कॉम/ एम.एस.सी(गृह विज्ञान)/ एम..- प्रथम सेमेस्टर एवं अर्हकारी विषय लेकर, बी.एस.सी उत्तीर्णआवेदकों को एम.एस.सी/ एम..- प्रथम सेमेस्टरमें नियमित प्रवेश की पात्रता होगी। एम..- प्रथम सेमेस्टर/पूर्व-भूगोल में उन्ही विद्यार्थियों को प्रवेश की पात्रता होगी जिन्होंने स्नातक स्तर पर भूगोल विषय का अध्ययन किया हो। उपरोक्त के अतिरिक्त अर्हता के संबंध में संकाय की स्थिति में संबंधित विश्वविद्यालय के संबंधित अध्यादेश में उल्लेखित प्रावधान/अर्हता ही बंधनकारी होंगे।

() स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष में उत्तीर्ण आवेदकों को उसी विषय के स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष में नियमित प्रवेश की पात्रता होगी।

() स्नातकोत्तर कक्षाओं हेतु .टी.के.टी.(Allowed To Keep Terms) नियम:-

1.स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर में प्रावधिक प्रवेश की पात्रता रखने वाले आवेदकों को प्रवेश के लिए निर्धारित अंतिम तिथि के पूर्व प्रावधिक प्रवेश लेना अनिवार्य है।

2.स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर में .टी.के.टी.(Allowed to Keep Terms) नियमों के अनुसार पात्र आवेदकों को अगले सेमेस्टर में प्रावधिक प्रवेश की पात्रता होगी।

2.समकक्ष परीक्षा:-

2.1 सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ सेकेंडरी एजुकेशन (सी.बी.एस..), इंडियन कौंसिल फार सेकेंडरी एजुकेशन (आई.सी.एस..) तथा अन्य राज्यों के विद्यालयों / इंटरमीडिएट बोर्ड की 10+2 परीक्षाएं माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10+2 परीक्षा के समकक्ष मान्य है।  

2.2  सामान्यत: भारत में स्थित विश्वविद्यालयों जो भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटी) के सदस्य हैं, उनकी समस्त परीक्षाएं छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालय की परीक्षा के समकक्ष मान्य है। ऐसे विश्वविद्यालय (IGNOU को छोड़कर) जो दूरवर्ती पाठ्यक्रम संचालित करते हैं, किंतु राज्य शासन से अनुमति प्राप्त नहीं है, की परीक्षाएं मान्य नहीं है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ राज्य के बाहर के किसी भी विश्वविद्यालय अथवा शैक्षणिक संस्था को छत्तीसगढ़ राज्य में अध्ययन केंद्र/ ऑफ केंपस आदि खोलकर छात्र-छात्राओं को प्रवेश देने / डिग्री  देने की मान्यता नहीं है तथा ऐसी संस्थाओं से डिग्री /डिप्लोमा वैधानिक रूप से मान्य नहीं होगा।

2.3 सम्बद्ध विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय का शिक्षण संस्थाओं की सूची एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा समय-समय पर जारी फर्जी अथवा मान्यता विहीन विश्वविद्यालय या शिक्षण संस्थाओं, जिनकी उपाधि मान्य नहीं है, की जानकारी प्राचार्य सम्बद्ध विश्वविद्यालय से प्राप्त करें।

2.4 वर्ष 2012 में प्रारंभ किए गए एनवीईक्यूएफ (National Vocational Educational Qualification Framework) के अंतर्गत उत्तीर्ण आवेदकों को विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय में स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में दाखिलो के लिए अन्य सामान्य विषयों की तुलना में समतुल्य प्राथमिकता प्रदान की जावे।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अर्धशासकीय पत्र  क्रमांक 1-52 /2013(सीसी / एनएसक्यूएफ)अप्रैल 2014 के अनुसार-

जैसा कि आपको ज्ञात है आर्थिक कार्य विभाग, वित्त मंत्रालय द्वारा अधिसूचित राष्ट्रीय कौशल अर्हता  संरचना (एनएसक्यूएफ) में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय व्यवसायिक शैक्षिक अर्हता  संरचना में  सूत्रबद्द  किए गए समस्त महत्वपूर्ण तथ्यों को निगमित किया जाता है जैसा कि एनएसक्यूएफ में अधिसूचित किया गया है, यहसे 10 तक के प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराता है जिनमें स्तर 5 से स्तर 10 तक के प्रमाण पत्र उच्च शिक्षा से एवं स्तर 1 से 4  तक के प्रमाण पत्र स्कूली शिक्षा के क्षेत्र से सम्बद्ध है। वर्ष 2012 में प्रारंभ किए गए एनवीईक्यूएफ के अनुसरण में कुछ स्कूल बोर्डो द्वारा छात्रों को पाठ्यक्रम प्रस्तावित किए गए और एनवीईक्यूएफ के अंतर्गत छात्रों को समतुल्य / समस्तरीय प्रमाण पत्र प्रदान किए जा रहे हैं ऐसे छात्र, एनएसक्यूएफ के स्तर 4 के प्रमाणित स्तर सहित 10+2 शिक्षा को वर्ष 2014 तक सफल कर पाएंगे मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने आशंका जताई है, ऐसे छात्र जो विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय में स्नातक पूर्व किसी भी पाठ्यक्रम में दाखिला लेने के इच्छुक हैं तथा जिनके  पास  10+2 स्तर में व्यवसायिक विषय थे वे अलाभकारी स्थिति में होंगे अतः मेरा आपसे अनुरोध है कि जिस समय छात्रो द्वारा विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय में अन्य किसी भी स्नातक पूर्व पाठ्यक्रमों में दाखिलों के लिए प्रयास किए जा रहे हों तो उस समय ऐसे विषयों को अन्य समान्य विषयों की तुलना में समतुल्य प्राथमिकता प्रदान की जाये, ताकि उन छात्रो को क्षैतिजिक गत्यात्मकता के लिए सुअवसर मिल सके।

  1. बाह्य आवेदको का प्रवेश:-

3.1 स्नातक स्तर तक बी../ बी.कॉम./ बी.एस.-सी./ बी.एच.एस-सी. में एकीकृत पाठ्यक्रम लागू होने से छत्तीसगढ़ के किसी भी विश्वविद्यालय/ स्वशासी महाविद्यालय से प्रथम/ द्वितीय वर्ष की परीक्षा उत्तीर्ण आवेदकों को क्रमशः द्वितीय / तृतीय वर्ष में प्रवेश की पात्रता है किंतु संम्बद्ध विश्वविद्यालय / स्वशासी महाविद्यालय में पढ़ाये जा रहे विषयों / विषय समूह में आवेदकों ने पिछली परीक्षा दी हो, इसका परीक्षण करने के पश्चात ही नियमित प्रवेश दिया जावे। आवश्यक हो तो विश्वविद्यालय से पात्रता प्रमाण-पत्र अवश्य लिया जाये।

 3.2 छत्तीसगढ़ के बाहर स्थित विश्वविद्यालय / स्वशासी महाविद्यालयो से स्नातक स्तर की प्रथम/ द्वितीय परीक्षा अन्य विश्वविद्यालय / स्वशासी महाविद्यालय से स्नातकोत्तर पूर्व की परीक्षा या प्रथम, द्वितीय, तृतीय सेमेस्टर परीक्षा एवं विधि स्नातक स्तर की प्रथम / द्वितीय वर्ष की परीक्षा उत्तीर्ण आवेदकों को उनके द्वारा संम्बद्ध विश्वविद्यालयों से पात्रता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के पश्चात् ही उन्हीं विषयों / विषय  समूह की अगली कक्षा में नियमित प्रवेश दिया जावे।

राज्य के बाहर के विद्यार्थियों को निर्धारित प्रारूप में एक शपथ-पत्र देना होगा किसी भी प्रकार की झूठी / गलत जानकारी पाए जाने पर संबंधित विद्यार्थी का प्रवेश निरस्त करते हुए उसे प्रदेश के किसी भी विश्वविद्यालय में प्रवेश से वंचित कर दिया जाएगा। अन्य राज्य के आवेदकों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों का प्रमाणीकरण संबंधित बोर्ड / विश्वविद्यालय से कराया जाना अनिवार्य है।

3.3 विज्ञान एवं अन्य प्रायोगिक विषयों में स्वाध्यायी आवेदकों को स्थान रिक्त होने पर तथा अन्य महाविद्यालय के भूतपूर्व छात्रों को 30 नवंबर तक, निर्धारित शुल्क लेकर मात्र प्रायोगिक कार्य करने की अनुमति प्राचार्य द्वारा दी जा सकती है।

4.अस्थाई प्रवेश की पात्रता रखने वाले विद्यार्थियों को प्रवेश हेतु निर्धारित अंतिम तिथि के पूर्व अस्थाई प्रवेश लेना अनिवार्य होगा:-

4.1 स्नातक स्तर की प्रथम / द्वितीय वर्ष की परीक्षा में पूरक परीक्षा (कंपार्टमेंट)प्राप्त नियमित आवेदकों को अगली कक्षा में स्थान रिक्त होने पर अस्थाई प्रवेश की पात्रता होगी।

4.2 स्नातकोत्तर सेमेस्टर प्रथम / द्वितीय / तृतीय पूरक / एटी-केटी प्राप्त आवेदकों को अगली कक्षा में अस्थाई प्रवेश की पात्रता होगी।

4.3 उपरोक्त कंडिका 5 के खंड 1 एवं 2 के आवेदकों को अस्थाई प्रवेश की पात्रता नहीं होगी।4.4 पूरक परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने पर अस्थाई प्रवेश प्राप्त छात्र-छात्राओं को अस्थाई प्रवेश स्वत: निरस्त हो जायेगा। उत्तीर्ण होने पर अस्थाई प्रवेश नियमित प्रवेश के रूप में मान्य किया जावेगा।

5.प्रवेश हेतु अर्हताएं:-

5.1 किसी भी महाविद्यालय / विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग के किसी संकाय में प्रवेश प्राप्त छात्र / छात्राओं को उसी संकाय की उसी कक्षा में आगामी वर्ष / वर्षों में पुनः नियमित प्रवेश की पात्रता नहीं होगी। यदि किसी छात्र ने पूर्व सत्र में आवेदित कक्षा में नियमित प्रवेश नहीं लिया हो तो ऐसा आवेदक नियमित प्रवेश हेतु अनर्ह नहीं माना जावेगा, उसे मात्र मूल स्थानांतरण प्रमाण- पत्र तथा शपथ-पत्र जिससे प्रमाणित हो कि पूर्व में उसनेप्रवेश नहीं लिया है,के आधार पर ही नियमानुसार प्रवेश दिया जावेगा।

5.2 जिनके विरूद्ध न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया हो या न्यायालय में आपराधिक प्रकरण चल रहे हो, परीक्षा में या पूर्व सत्र में छात्रों / अधिकारियों / कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार / मारपीट करने के गंभीर आरोप हो / चेतावनी के बाद भी सुधार परिलक्षित नहीं हुआ हो, ऐसे छात्र / छात्राओं को प्रवेश नहीं देने के लिए प्राचार्य अधिकृत हैं।

5.3 महाविद्यालय में तोड़फोड़ करने और महाविद्यालय की संपत्ति नष्ट करने वाले / रैगिंग के आरोपी छात्र / छात्राओं का प्रवेश निरस्त करने / प्रवेश देने के लिए प्राचार्य अधिकृत है।प्राचार्य इस हेतु समिति गठन कर जांच करवाएं एवं जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रवेश निरस्त किया जाये। ऐसे छात्र / छात्राओं को छत्तीसगढ़ राज्य के किसी भी शासकीय /अशासकीय महाविद्यालय में प्रवेश ना दिया जावे।

5.4 प्रवेश हेतु आयु सीमा:-

() स्नातक प्रथम वर्ष में 22 वर्ष एवं स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर में 27 वर्ष से अधिक आयु के आवेदकों को प्रवेश की पात्रता नहीं होगी। आयु की गणना आवेदित वर्ष के एक जुलाई की स्थिति में की जायेगी। डिप्लोमा एवं स्नातकोत्तर डिप्लोमा में प्रवेश हेतु निर्धारित अधिकतम आयु सीमा 27 वर्ष मान्य की जाएगी।

() आयु सीमा का बंधन किसी भी राज्य सरकार / भारत सरकार के मंत्रालय / कार्यालय तथा उनके द्वारा नियंत्रित संस्थाओं द्वारा प्रायोजित अनुशंसित प्रत्याशियों, भारत सरकार द्वारा आयोजित अथवा किसी विदेश सरकार द्वारा अनुशंसित विदेश से अध्ययन हेतु भेजे गए छात्रों अथवा विदेश से अध्ययन के लिए विदेशी मुद्रा में पेमेंट सीट पर अध्ययन करने वाले छात्रों पर लागू नहीं होगा।

()संस्कृत महाविद्यालय में प्रवेश हेतु स्नातक वर्ष में 25 वर्ष तथा स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर में 27 वर्ष से अधिक आयु वाले आवेदकों को प्रवेश की पात्रता नहीं होगी।

()विधि संकाय को छोड़कर अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / पिछड़ा वर्ग / महिला आवेदकों के लिए आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट रहेगी। नि:शक्त अभ्यार्थी / आवेदकों के लिए आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट रहेगी।

5.5 पूर्णकालिक शासकीय / अशासकीय सेवारत् कर्मचारी की उसकी दैनिक कार्य की अवधि में लगने वाले महाविद्यालय में नियमित प्रवेश की पात्रता नहीं होगी। दैनिक कर्तव्य अवधि के उपरांत लगने वाले महाविद्यालय में प्रवेश हेतु आवेदन करने पर आवेदक द्वारा नियोक्ता का अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने के बाद ही प्रवेश दिया जावेगा।

5.6 किसी संकाय में स्नातक उपाधि प्राप्त छात्र-छात्राओं को किसी अन्य संकायो के स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश की पात्रता नहीं होगी।

6.प्रवेश हेतु गुणानुक्रम का निर्धारण:-

6.1 उपलब्ध स्थानों से अधिक आवेदक होने पर प्रवेश निम्नानुसार गुणानुक्रम से किया जायेगा। () स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रवेश हेतु अर्हकारी परीक्षा के प्रप्तांक एवं अधिभार देय हैं, तो अधिभार जोड़कर प्राप्त कुल प्रतिशत अंकों के आधार पर।

6.2 अनारक्षित एवं आरक्षित श्रेणी के लिए अलग-अलग गुणानुक्रम सूची तैयार की जावेगी।

  1. प्रवेश हेतु प्राथमिकता:-

7.1.स्नातक / स्नातकोत्तर में प्राथमिकता का आधार, अर्हकारी परीक्षा के प्राप्तांक के आधार पर प्रावीण्य सूची तैयार की जावेगी।

7.2 स्नातक / स्नातकोत्तर अगली कक्षाओं में प्राथमिकता का आधार अर्हकारी परीक्षा में उत्तीर्ण नियमित/उत्तीर्ण भूतपूर्व नियमित / एक विषय में पूरक प्राप्त पूर्व सत्र के नियमित / स्वाध्यायी विद्यार्थियों के क्रम में होगा।

7.3 स्नातक स्तर के त्रिवर्षीय पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए प्रदेश के किसी भी महाविद्यालय में प्रदेश के अन्य स्थानों /तहसीलो/ जिलो के निवासरत अथवा परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले आवेदक विद्यार्थियों को भी गुणानुक्रम में प्रवेश दिया जाए।

7.4 किसी एक विषय की स्नातकोत्तर परीक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थी को अन्य विषय के स्नातकोत्तर कक्षा में प्रवेश महाविद्यालय में स्थान रिक्त रहने की स्थिति में ही दिया जा सकेगा।

8.आरक्षण छत्तीसगढ़ शासन की आरक्षण नीति के अनुरूप निम्नानुसार होगा:-

8.1. प्रत्येक शैक्षणिक सत्र में प्रवेश में सीटों का आरक्षण तथा किसी शिक्षण संस्थान में इसका विस्तार निम्नलिखित रीति से होगा, अर्थात्:-

() अध्ययन या संकाय की प्रत्येक शाखा में वार्षिक अनुज्ञप्त संख्या में से बत्तीस प्रतिशत् सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित रहेंगी।

()अध्ययन या संकाय की प्रत्येक शाखा में वार्षिक अनुज्ञप्त संख्या में से बारह प्रतिशत् सीटें अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित रहेगी।

() अध्ययन या संकाय की प्रत्येक शाखा में वार्षिक अनुज्ञप्त संख्या में से चौदह प्रतिशत् सीटें अन्य पिछड़ा वर्गों के आरक्षित रहेगी। परंतु, जहां अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित सीटें पात्र विद्यार्थियों की अनुपलब्धता के कारण अंतिम तिथियों पर रिक्त रह जाती है, तो इसे अनुसूचित जातियों से तथा विपरीत क्रम में पात्र विद्यार्थियों में से भरा जाएगा।

परंतु यह और की पूर्वगामी परंतुक में निर्दिष्ट व्यवस्था के पश्चात् भी,जहाँ खंड (),() तथा () के अधीन आरक्षित सीटें, अंतिम तिथियों पर रिक्त रह जाती है, तो इसे अन्य पात्र विद्यार्थियों से भरा जाएगा।

8.2 (1)बिंदु क्रं 8.1 के खंड (), ()तथा() के अधीन उपलब्ध सीटों का आरक्षण ऊर्ध्वाधर (वर्टिकल) रूप से अवधारित किया जाएगा।

   (2) नि:शक्त व्यक्तियों, महिलाओं, भूतपूर्व कर्मिकों / भूतपूर्व सैनिक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बच्चों या व्यक्तियों के अन्य विशेष वर्गों के संबंध में क्षैतिज आरक्षण का प्रतिशत् ऐसा होगा,जैसा कि राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए अधिसूचित किया जाए तथा यह बिंदु क्रं 12.1 केखंड (), ()तथा() के अधीन यथास्थिति, ऊर्ध्वाधर आरक्षण के भीतर होगा।

8.3 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के पुत्र-पुत्रियों,पौत्र-पौत्रियों और नाती/नातिन के लिए 3 प्रतिशत स्थान आरक्षित रहेंगे। नि:शक्त श्रेणी के आवेदकों के लिए 5 प्रतिशत स्थान आरक्षित रहेंगे।

8.4 सभी वर्गों में उपलब्ध स्थानों में से 30 प्रतिशत् स्थान छात्राओं के लिए आरक्षित होंगे।

8.5 आरक्षित श्रेणी का कोई उम्मीदवार अधिक अंक पाने के कारण और अनारक्षित श्रेणी ओपन काम्पीटीशन में नियमानुसार मेरिट सूची में रखा जाता है, तो आरक्षित श्रेणी की सीटें यथावत अप्रभावित रहेगी, परंतु यदि ऐसा विद्यार्थी किसी संवर्ग जैसे- स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आदि का भी है तो सवंर्ग की यह सीट उस आरक्षित श्रेणी में भरी मानी जावेगी, शेष संवर्ग की सीटें भरी जायेगी।

8.6 आरक्षित स्थान का प्रतिशत् 1/2 से कम आता है आरक्षित स्थान उपलब्ध नहीं होगा, 1/2 प्रतिशत् एवं एक प्रतिशत् के बीच आने पर आरक्षित स्थान की संख्या एक होगी।

8.7 जम्मू-कश्मीर विस्थापितों तथा आश्रितों को 5 प्रतिशत् तक सीट वृद्धि कर प्रवेश दिया जाए तथा न्यूनतम अंक में 10 प्रतिशत् की छूट प्रदान की जाएगी।

8.8 समय-समय पर शासन द्वारा जारी आरक्षण नियमों का पालन किया जाये।

8.9कंडिका8.1 में दर्शाई गई आरक्षण के प्रावधान माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के निर्णय के अध्यधीन रहेगा।

8.10 तृतीय लिंग के व्यक्तियों को माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा इस संबंध में प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू.पी.(सी) 400/2012 नेशनल लीगल सर्विसेस अथॉरिटी विरुद्ध भारत सरकार एवं अन्य में पारित निर्णय दिनांक 15.04.2014 की कंडिका 129(3)में यहां निर्देश दिया गया है कि - “We direct the Centre and the State Government to take Steps to treat them as socially and educationally backward classes of citizens and extend all kinds of reservation in cases of admission in educational institutions and for public appointments.” का कड़ाई से पालन किया जाए।

9.अधिभार:-

 अधिभार मात्र गुणानुक्रम निर्धारण के लिए ही प्रदान किया जायेगा, पात्रता प्राप्ति हेतु उसका उपयोग नहीं किया जायेगा।अर्हकारी परीक्षा के प्राप्तांको के प्रतिशत् पर भी अधिभार देय होगा, अधिभार हेतु समस्त प्रमाण-पत्र प्रवेश आवेदन-पत्र के साथ संलग्न करना अनिवार्य है। आवेदन-पत्र जमा करने के पश्चात् बाद में लाये जाने / जमा किए जाने वाले प्रमाण-पत्रो परअधिभार हेतु विचार नहीं किया जायेगा, एक से अधिक अधिभार प्राप्त होने पर मात्र सर्वाधिक अधिभार ही देय होगा।

9.1 एन.सी.सी. / एन.एस.एस./ स्काउट्स

स्काउट्स शब्द को स्काउट्स/ गाइड्स/ रेंजर्स / रोवर्स के अर्थ में पढ़ा जावे।

()एन.एस.एस./ एन.सी.सी. “सर्टिफिकेट                          02  प्रतिशत्  

()एन.एस.एस./ एन.सी.सी. “बीसर्टिफिकेट                        03 प्रतिशत्

या द्वितीय सोपान उत्तीर्ण स्काउट्स

() “सीसर्टिफिकेट के तृतीय सोपान उत्तीर्ण स्काउट्स             04प्रतिशत्

()राज्य स्तरीय संचालनालयीन एन.सी.सी. प्रतियोगिता  में ग्रुप   का  प्रतिनिधित्व करने वाले छात्रो को              04प्रतिशत्

() नई दिल्ली के गणतंत्र दिवस परेड में छत्तीसगढ़ के                                           05 प्रतिशत्

   एन.सी.सी. / एन.एस.एस कटिन्जेन्स में भाग लेने वाले

   विद्यार्थियों को

() राज्यपाल स्काउट्स                                                   05 प्रतिशत्

() राष्ट्रपति स्काउट्स                                                   10 प्रतिशत्

() छत्तीसगढ़ का सर्वश्रेष्ठ एनसीसी कैडेट                                10 प्रतिशत्

() ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग अवार्ड प्राप्त एनसीसी कैडेट                 10 प्रतिशत्

()भारत एवं अन्य राष्ट्रों के मध्य यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम में भाग        15 प्रतिशत्

 लेने वाले कैडेट एन.सी.सी./एन.एस.एस. के लिए चयनित एवं

प्रवास करने वाले कैरेक्टर अंतर्राष्ट्रीय जंबूरी के लिए चयनित होने

वाले विद्यार्थियों को

9.2. ऑनर्स विषय पाठ्यक्रम में उत्तीर्ण विद्यार्थी को स्नातकोत्तर           10 प्रतिशत्

कक्षा में उसी विषय में प्रवेश लेने पर

9.3. खेलकूद/ साहित्यिक / सांस्कृतिक / क्विज / रूपांकन प्रतियोगिताएं:-

(1) लोक शिक्षण संचालनालय अथवा छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित अंतर जिला, संभाग स्तर तथा अथवा केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा आयोजित अंतर संभाग / क्षेत्र स्तर प्रतियोगिता में:-

() प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त टीम के प्रत्येक सदस्य को           02 प्रतिशत्

()व्यक्तिगत प्रतियोगिता में उपर्युक्त स्थान प्राप्त करने वाले को         04 प्रतिशत्

(2) उपर्युक्त कंडिका 9.3(1) में उल्लेखित विभाग / संचालनालय द्वारा आयोजित अंर्तसंभाग राज्य स्तर अथवा केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा आयोजित अंर्तक्षेत्रीय राष्ट्रीय प्रतियोगिता में अथवा भारतीय विश्वविद्यालय संघ .आई.यू. द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में अथवा संसदीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित क्षेत्रीय प्रतियोगिता में:-

()प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त टीम के प्रत्येक सदस्य को       06 प्रतिशत्

() व्यक्तिगत प्रतियोगिता में उपर्युक्त स्थान प्राप्त करने वाले को    07 प्रतिशत्

()संभाग / क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतियोगी को                05 प्रतिशत्

(3)भारतीय विश्वविद्यालय संघ द्वारा आयोजित, संसदीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में:-

() व्यक्तिगत प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले को   

                                                                                                          15 प्रतिशत्

()प्रथम, द्वितीय अथवा तृतीय स्थान अर्जित करने वाली टीम के सदस्यो को                                                                                                                   12 प्रतिशत्

()क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतियोगी को                                   10 प्रतिशत्

9.4.भारत एवं अन्य राष्ट्रों के मध्य युथ अथवा साइंस एवं कल्चरल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत् विज्ञान / सांस्कृतिक / साहित्यिक / कला क्षेत्र में चयनित एवं प्रवास करने वाले दल के सदस्यों को                                                                                 10 प्रतिशत्

9.5 छत्तीसगढ़ शासन/.प्र. से मान्यता प्राप्त खेल संघों द्वारा आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में:-

()छत्तीसगढ़/.प्र.का प्रतिनिधित्व करने वाली टीम के सदस्य को         10 प्रतिशत्

()प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छत्तीसगढ़ की टीम       12 प्रतिशत्

के सदस्यों को

9.6.जम्मू-कश्मीर के विस्थापितो तथा उनके आश्रितों को                      01 प्रतिशत्

9.7.विशेष प्रोत्साहन:-

छत्तीसगढ़ राज्य एवं महाविद्यालय के हित में एन.सी.सी. / खेलकूद को प्रोत्साहन देने के लिए एन.सी.सी. के राष्ट्रीय स्तर के सर्वश्रेष्ठ कैडेट्स तथा ओलंपियाड / एशियाड / स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित खेल प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को बगैर गुणानुक्रम के आगामी शिक्षा सत्र में उन कक्षाओं में सीधे प्रवेश दिया जाए जिनकी उन्हें पात्रता है कि:-

(1) इस प्रकार के प्रमाण-पत्रों को संचालक, खेल एवं युवक कल्याण, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अभिप्रमाणित किया गया हो,एवं

(2)यह सुविधा केवल उन्हीं अभ्यर्थियों को मिलेगी जिन्होंने निर्धारित समय अवधि के अंतर्गत अपना आवेदन महाविद्यालय में प्रस्तुत किया है, परंतु इस प्रकार की सुविधा दूसरी बार प्राप्त करने के लिए उन्हेंउपलब्धि पुनःप्राप्त करना आवश्यक होगा।

9.8 प्रथम वर्ष में प्रवेश हेतु स्कूल स्तर के पिछले चार क्रमिक सत्र तक के प्रमाण-पत्र स्नातकोत्तर प्रथम या विधि प्रथम वर्ष में प्रवेश हेतु विगत तीन क्रमिक सत्र तक के प्रमाण-पत्र अधिभार हेतु मान्य किए जायेंगे। स्नातक द्वितीय, तृतीय वर्ष एवं स्नातकोत्तर वर्ष में प्रवेश हेतु पूर्व सत्र के प्रमाण-पत्र अधिभार हेतु मान्य होंगे।

10.संकाय विषय ग्रुप परिवर्तन:-

स्नातक / स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष में अर्हकारी परीक्षा के संकाय / विषय / ग्रुप परिवर्तन कर प्रवेश चाहने वाले विद्यार्थियों को उनकेप्राप्तांको से 5प्रतिशत्  घटाकर उनका गुणानुक्रम निर्धारित किया जायेगा,अधिभारघटे हुए प्राप्तांकों पर देय होगा। महाविद्यालय में स्नातक / स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष में एक बार प्रवेश लेने के बाद वर्तमान सत्र के दौरान संकाय / विषय /ग्रुप परिवर्तन की अनुमति महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा 30 सितंबर तक या विलंब से मुख्य परीक्षा परिणाम आने पर कंडिका 2.2 में उल्लेखित प्रवेश की अंतिम तिथि से 15 दिनों तक ही दी जायेगी। यह अनुमति उन्ही विद्यार्थियों को देय होगी जिनके प्राप्तांक संबंधित विषय/ संकाय की मूल गुणानुक्रम सूची में अंतिम प्रवेश पाने वाले विद्यार्थी के समकक्ष या उससे अधिक हो।

11.शोध छात्र:- शासकीय महाविद्यालयों में पी.एच-डी के शोध छात्रो को दो वर्ष के लिए प्रवेश दिया जायेगा। पुस्तकालय / प्रायोगिक कार्य अपूर्ण हो जाने की स्थिति में सुपरवाइजर की अनुशंसा पर प्रचार्य इस समयावधि को अधिकतम 4 वर्ष कर सकेंगे। छात्र निर्धारित आवेदन पत्र में आवेदन करेंगे, प्रवेश के बाद निर्धारित शुल्क जमा करने के बाद ही नियमित प्रवेश मान्य किया जावेगा। शोध छात्र के लिए संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा पी.एच-डी निर्देशन हेतु महाविद्यालय में पदस्थ मान्य प्राध्यापक सुपरवाइजर विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित नियमों के अंतर्गत ही अपना शोध कार्य संपादन करेंगे। अध्ययन अवकाश लेकर कोई शिक्षक यदि शोध छात्र के रूप में कार्यरत है, तो सक्षम अधिकारी द्वारा प्रेषित उपस्थिति प्रमाण-पत्र एवं प्रति तीन माह की कार्य प्रगति रिपोर्ट प्राप्त होने पर ही वेतन आहरण अधिकारी द्वारा शोध शिक्षक का वेतन आहरित किया जावेगा।

महाविद्यालय में पदस्थ प्राध्यापक सुपरवाइजर के अन्यत्र स्थानांतरण हो जाने की स्थिति में शोध छात्र ऐसी संस्था में अपना शोध कार्य चालू रख सकते हैं, जहां से उनका शोध आवेदन पत्र अग्रेषित किया गया था, शोध कार्य पूर्ण हो जाने के उपरांत शोध का प्रबंध उसी महाविद्यालयो के प्राचार्य अग्रेषित करेंगे। संबंधित विश्वविद्यालय के शोध अध्यादेश के साथ सहपठित करते हुए लागू होगा।