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शासकीय दूधाधारी बजरंग महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रायपुर छत्तीसगढ़ (स्वायत्तशासी संस्था)
Govt. Dudhadhari Bajrang Girls Postgraduate College,Raipur, Chhattisgarh (An Autonomous Institution)
Est. 1958 ,NAAC Accredited & Awarded status of a " College with Potential for
Excellence " by the U.G.C
सामान्य नियम
छत्तीसगढ़ के शासकीय महाविद्यालय में प्रवेश लेने वाले प्रत्येक विद्यार्थी को महाविद्यालय के नियमों का अक्षरशः पालन करना होगा | इनका पालन न करने पर वह शासन द्वारा निर्धारित दण्डात्मक कार्यवाही का भागीदार होगा।
अध्ययन संबंधी नियम
प्रत्येक विषय में विद्यार्थी की 75% उपस्थिति अनिवार्य होगी तथा यह एन.सी.सी. / एन.एस.एस. में भी लागू होगी । अन्यथा उसे वार्षिक परीक्षा में बैठने की पात्रता नहीं होगी |छात्राएं प्रयोगशाला में उपकरणों का उपयोग सावधानी पूर्वक करेगी , उनको स्वच्छ रखेगी एवं प्रयोगशाला को साफ-सुथरा रखेगी ।
ग्रन्थालय द्वारा स्थापित नियमों का पूर्ण पालन करेगी , उसे निर्धारित संख्या में ही पुस्तकें प्राप्त होगी तथा समय से न लौटाने पर निर्धारित आर्थिक दण्ड देना होगा |
अध्ययन से सम्बन्धित किसी भी कठिनाई के लिए वह ग़ुरुजनों के समक्ष अथवा प्राचार्य के समक्ष शांतिपूर्वक ढंग से अभ्यावेदन प्रस्तुत करेंगी ।
व्याख्यान कक्षों, प्रयोगशशालाओं या वाचनालय में पंखे, लाईट, फर्नीचर, इलेक्ट्रिक फिर्टिंग आदि की तोड़फोड़ करना दण्डात्मक आचरण माना जायेगा |
परीक्षा सम्बन्धी नियम
विद्यार्थी को सत्र के दौरान होने वाली सभी इकाई परीक्षाओं, त्रैमासिक तथा अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं में सम्मिलित होना अनिवार्य है ।
अस्वस्थतावश आंतरिक परीक्षाओं में सम्मिलित न होने की स्थिति में विद्यार्थी शासकीय चिकित्सक से मेडिकल सर्टीफिकेट प्रस्तुत करेंगी तथा स्वस्थ होने के उपरांत परीक्षा देंगी |
परीक्षा में या उसके सम्बन्ध में किसी प्रकार के अनुचित लाभ लेने या अनुचित साधनों का प्रयोग करने का प्रयत्न गंभीर दुराचरण माना जायेगा ।
महाविद्यालय प्रशासन का अधिकार क्षेत्र-
यदि छात्रा किसी अनैतिकतामूलक या गंभीर अपराध में अभियुक्त पायी गई तो उसका प्रवेश तत्काल निरस्त कर दिया जायेगा ।
यदि छात्रा रैगिंग में लिप्त पायी गई तो छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्थानों में प्रताड़ना-प्रतिषेध अधिनियम, 2002 के अनुसार रैगिंग किये जाने पर अथवा रैगिंग के लिए प्रेरित करने पर पांच साल तक कारावास की सजा या पांच हजार रुपये जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है ।
यदि विद्यार्थी समय-सीमा में शुल्क का भुगतान नहीं करता है तो उसका नाम काट दिया जायेगा ।
यदि छात्रा किसी भी प्रार्थना-पत्र अथवा आवेदन में तथ्यों को छिपायेगी अथवा गलत प्रस्तुत करेगी तो उसका प्रवेश निरस्त कर उसे महाविद्यालय से पृथक् कर दिया जायेगा ।
महाविद्यालय में प्रवेश लेने हेतु विद्यार्थी द्वारा प्रस्तुत किये गये आवेदन पत्र में उसके पालक अथवा अभिभावक का घोषणा पत्र पर प्रवेश पत्र पर प्रवेश समिति के सम्मुख हस्ताक्षर करना अनिवार्य है ।